रीवा. रीवा सहित आसपास के जिलों में कृषि कार्य के लिए बाणसागर बांध का पानी उपलब्ध कराया जाता है। विंध्य का कृषि उत्पादन बढ़ाने में बाणसागर का बड़ा हाथ है। देवलोंद स्थित बांध का पानी रीवा शहर के पेयजल के साथ ही जिले में कृषि के उपयोग में आता है। बारिश का मौसम शुरू होते ही बांध का जलस्तर भी बढ़ना शुरू हो गया है। बांध के फुल होने की सूचना पर क्षेत्र के किसानों को राहत महसूस होती है क्योंकि पूरे साल इसी बांध से उन्हें पानी मिलता है। इस साल दो जुलाई की स्थिति में बांध का जो पानी है, वह पिछले वर्ष के दो जुलाई तुलना में दस प्रतिशत अधिक है।
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यह बड़े राहत की बात है क्योंकि इस साल जल्द बांध पूरा भर जाएगा। इसके जलस्तर पर रीवा, सतना, सीधी, शहडोल आदि के किसानों के साथ ही उत्तर प्रदेश बिहार की भी नजर होती है। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के साथ बिहार राज्य की संयुक्त रूप से बहुउद्देश्यीय परियोजना है। इस बांध के पानी पर 50 प्रतिशत अधिकार मध्यप्रदेश का होता है तो 25-25 प्रतिशत पानी यूपी और बिहार के हिस्से होता है।
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धान रोपाई के लिए भी पानी की जरूरत
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धान की रोपाई के समय पर यदि बारिश नहीं होती है तो बाणसागर बांध से ही पानी नहरों में छोड़ा जाता है। इसलिए बांध का क्षमता के अनुरूप भरा होना जरूरी होता है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पानी अधिक होने से किसानों के लिए राहत की खबर है। अभी बारिश की उम्मीद भी है, इसलिए माना जा रहा है कि रोपाई के लिए पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी और यदि बारिश रुकी तो पानी छोड़ा जाएगा।