रीवा के इंजीनियरिंग कॉलेज में अब EWS कोटे से भी ले सकेंगे प्रवेश, दस प्रतिशत सीटें बढ़ीं

रीवा. इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा में इस वर्ष प्रवेश के लिए इडब्ल्यूएस कोटे में आरक्षण देने के लिए सीट में 10 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की गई है। इससे अब और संख्या में छात्र एडमिशन ले सकेंगे। तकनीकी शिक्षा संचालनालय के काउंसिलिंग समिति ने बताया, जेईई के परीक्षा परिणाम में मेरिट के आधार पर छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। इनके प्रवेश के बाद जो सीटें रिक्त रह जाएंगी, उनमें हायर सेकंडरी में अच्छे परिणाम लाने वाले छात्रों को सीधे प्रवेश दिया जाएगा।

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जारी कार्यक्रम के अनुसार, रीवा सहित सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एक साथ प्रवेश की ऑनलाइन प्रक्रिया प्रारंभ हुई है। 23 जुलाई तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किए जा सकेंगे। आवेदनों में सुधार के लिए 24 व 25 जुलाई का समय निर्धारित किया गया है। च्वाइस फिलिंग 4 से 27 जुलाई तक की जा सकेगी। आवेदनों में से मेरिट सूची का प्रकाशन 28 जुलाई को होगा। तीन आठ अगस्त तक संस्था आवंटन और उपस्थिति का समय दिया जाएगा। इस अवधि में अपग्रेडेशन का विकल्प भी छात्रों के पास रहेगा। मूल दस्तावेजों का सत्यापन और छात्रों को प्रवेश देने का समय 11 से 16 अगस्त तक रहेगा। 20 जून से 17 अगस्त तक जेईई में शामिल न होने व हायर सेकंडरी परीक्षा के आधार पर प्रवेश लेने वाले छात्र आवेदन कर सकेंगे। इन्हें सीटों का आवंटन जेईई वाले आवेदनों में प्रवेश न लेने के बाद ही दिया जाना है।

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द्वितीय चरण की प्रक्रिया 4 अगस्त से

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इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश के लिए द्वितीय चरण की प्रक्रिया चार अगस्त से प्रारंभ होगी जो, 17 अगस्त तक चलेगी। रजिस्ट्रेशन में 18 और 19 अगस्त को छात्र करा सकेंगे। च्वाइस फिलिंग का समय 5 से 21 अगस्त के बीच होगा। 22 को मेरिट सूची जारी होगी। 26 से 30 तक दस्तावेजों का सत्यापन कराने के साथ ही कॉलेजों में उपस्थिति दर्ज कराएंगे। ब्रांच परिवर्तन के लिए छात्र 26 से 31 अगस्त तक आवेदन करेंगे।

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CLC 4 सितंबर से

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कॉलेज लेवल काउंसिलिंग चार सितंबर से प्रारंभ होगी। आठ सितंबर तक छात्र रजिस्ट्रेशन कराएंगे। नौ और दस सितंबर को छात्र कालेजों में उपस्थिति देंगे।

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रीवा में अभी यह है सीटों की स्थिति

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रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज की पांच ब्रांचों में एडमिशन दिए जा रहे हैं। इनमें सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन व कम्यूटर इंजीनियरिंग में 60-60 सीटें हैं। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में 40 सीटों पर प्रवेश मिलता रहा है। सभी में 10 प्रतिशत सीट बढ़ाने के निर्देश शासन स्तर से जारी किए गए. हैं। साथ ही एनआरआइ व अन्य कोटे भी होते हैं, जिससे माना जा रहा है कि उक्त सीट संख्या के अलावा हर विभाग में करीब 10 सीटों की वृद्धि होगी।

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