नई बुलंदी : अमरीकी और चीनी ऋणदाताओं को चुनौती देगी भारतीय कंपनी दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बैंक बनेगा HDFC

मुंबई. आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लि. का निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक में विलय एक जुलाई से प्रभावी होगा। एचडीएफसी लि. व एचडीएफसी बैंक के निदेशक मंडलों की शुक्रवार को हुई बैठक में विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। विलय के बाद कोई घरेलू भारतीय कंपनी पहली बार दुनिया के सबसे बड़े 10 बैंकों की सूची में शामिल हो जाएगी। सूची में एचडीएफसी बैंक चौथे नंबर पर होगा। अमरीकी व चीनी ऋणदाताओं के लिए यह चुनौती होगी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक एचडीएफसी बैंक लिमिटेड और हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प के गठजोड़ से ऐसा ऋणदाता तैयार हुआ है, जो इक्विटी बाजार पूंजीकरण में जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी, इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड व बैंक ऑफ • अमरीका कॉर्प के बाद चौथे स्थान पर होगा। इसका इक्विटी बाजार पूंजीकरण 172 अरब डॉलर है। मैक्वेरी ग्रुप लिमिटेड की ब्रोकरेज इकाई में भारत के लिए वित्तीय सेवा अनुसंधान के प्रमुख सुरेश गणपति ने कहा, दुनिया में बहुत कम बैंक है, जो इस पैमाने और आकार में चार साल की अवधि में दोगुना होने की उम्मीद रखते हैं। बैंक को 18% से 20% की दर से बढ़ने की उम्मीद है।

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जर्मनी की आबादी से ज्यादा ग्राहक

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विलय के बाद एचडीएफसी बैंक की नई इकाई के पास 12 करोड़ ग्राहक होंगे।

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  • यह संख्या जर्मनी की आबादी (8.45 करोड़) से ज्यादा है।
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  • एचडीएफसी अपने शांखा नेटवर्क को 8,300 से ज्यादा बढ़ाएगा।
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  • इसके कर्मचारियों की संख्या 1.77 लाख से ज्यादा होने के आसार हैं।
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