एक से ज्यादा फॉर्म-16 हो तो कैसे भरें income tax return, जानें आसान तरीका, यहाँ जाने भरने का सरल तरीका..

नई दिल्ली. एक से ज्यादा फॉर्म-16 हो तो कैसे भरें income tax return, जानें आसान तरीका, यहाँ जाने भरने का सरल तरीका, एक वित्त वर्ष के दौरान नौकरी बदलने पर इनकम टैक्स रिटर्न भरने में अक्सर लोगों को परेशानी आती हैं, क्योंकि उनके पास एक ही फाइनेंशियल ईयर में दो या ज्यादा फॉर्म-16 आ जाते है। प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों के साथ इस तरह की समस्या आती ही है, जब वे नौकरी स्विच करते हैं। इससे उन्हें इनकम टॅक्स रिटर्न भरते समय आय का आकलन करने में दिक्कतें होती हैं। दो या उससे ज्यादा फॉर्म-16 होने पर आइटीआर कैसे भरें, आइए जानते हैं….

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नौकरी बदलते हैं तो सबसे पहले नए इम्प्लॉयर के पास अपना फॉर्म-12बी जमा कराएं

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नौकरी बदलने पर ये करें

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अगर आप वित्त वर्ष के बीच में नौकरी बदलते हैं तो आपको सबसे पहले नए इम्प्लॉयर (कंपनी) के पास फॉर्म-12बी जमा कराएं। फॉर्म-12बी में पुरानी कंपनी से मिलने वाली सैलरी एचआरए जैसे एग्जम्शन और 80सी, 80सी जैसे डिडक्शन की जानकारी होती है। इसमें टीडीएस का भी जिक्र होता है। फॉर्म-12बी जमा कराने से नई कंपनी पूरे साल की टैक्स देनदारी कैलकुलेट करते वक्त कंबाइंड फॉर्म 16 जारी कर सकेगी।

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nफॉर्म-12बी नहीं, तब क्या करें नई कंपनी को फॉर्म-12बी नहीं दिया है तो नई और पुरानी दोनों कंपनी से फॉर्म-16 मिलेगा। ऐसे में रिटर्न भरते वक्त दोनों फॉर्म-16 में ग्रॉस सैलरी में जो रकम दिख रही है. उसे जोड़ लें। यह आपकी ग्रॉस सैलरी हो जाएगी। इसी तरह से एचआरए, एलटीए जैसे एग्जम्शन को जोड़ लें। ग्रॉस सैलरी से अलाउंस घटाने पर इनकम चार्जेबल अंडर सैलरी आ जाएगी।

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इनका भी रखें ध्यान

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सैलरी के अलावा अगर बचत खाते या एफडी के ब्याज से कमाई या फिर कोई और आय है तो उसे इनकम फ्रॉम अदर सोर्स’ में दिखाना होगा, जिसके बाद आपकी ग्रॉस टोटल इनकम आ जाएगी। अगला कदम 80सी 80सी जैसे डिडक्शन क्लेम करने का है। डिडक्शन घटाने के बाद जो रकम बचेगी वो नेट टैक्सेबल इनकम’ होगी। हो सकता है कि • दोनों कंपनियों ने फॉर्म-16 में एक जैसा डिडक्शन लिया हो, लेकिन आयकर कानून के तहत आय पर एक ही बार • डिडक्शन ले सकते हैं। स्टैंडर्ड “डिडक्शन में भी यही लागू है।

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डिटेल्स का मिलान करना जरूरी

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टैक्सेबल इनकम कैलकुलेट होने के बाद टैक्स देनदारी निकाल लें। दोनों फॉर्म-16 में अगर कोई टीडीएस काटा गया है तो उसे भी रिटर्न में दिखाएं। इसके बाद कितना टैक्स बनता है उसका आपको पता चल जाएगा, जिसे आपको चुकाना होगा। अगर आपका टीडीएस ज यादा कटा है, लेकिन देनदारी कम बनती है तो टैक्स रिफंड मिल जाएगा। फॉर्म-16 में कटे टीडीएस का मिलान इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर मौजूद फॉर्म-26एएस और एनुअल इंफॉर्मेशन (एआइएस) से जरूर करें।

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पुरानी कंपनी का फॉर्म 16 न हो तो….

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कई बार आपके पास नई कंपनी से मिला फॉर्म-16 तो होता है, लेकिन, पुरानी कंपनी का फॉर्म 16 नहीं होता है, ऐसे में आप चाहें तो पुरानी कंपनी से फॉर्म-16 मांग सकते हैं या फिर ऐसे मामले में आपको पुरानी कंपनी की सैलरी स्लिप की जरूरत होगी। मंथली सैलरी और एग्जम्शन को जोड़कर आपकी सैलरी से इनकम का पता चल जाएगा। इसके अलावा, फॉर्म-26एस में दोनों कंपनियों से कटे टीडीएस की जानकारी मिल जाएगी। फिर 80सी जैसे डिडक्शन क्लेम करके नेट टैक्सेबल इनकम का पता चल जाएगा।

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