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वाराणसी: दिवाली (Diwali) के बाद बढ़े प्रदूषण, वायुमंडल में बढ़ते धुआं, कार्बन और नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ने के कारण वाराणसी जिला रेड जोन में पहुंच गया है। वाराणसी यूपी के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक माना जाता है। शहर में वायु की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पाई गई है।
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वाराणसी का एक्यूआई 300 पार दर्ज किया गया है। सोमवार सुबह करीब 11 बजे 319 रिकॉर्ड की गई, जो कि रात 8.30 बजे 340 दर्ज किया गया। सर्वाधिक प्रदूषित इलाका मलदहिया रहा जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 348 रहा। चिकित्सकों का कहना है कि बच्चों, बुजुर्गों, दमा रोगियों के लिए यह हवा खतरनाक है।
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बढ़ रहा वायु प्रदूषण:
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, रात आठ बजे के बाद मलदहिया का एक्यूआई 365, भेलूपुर का 354, बीएचयू का 330 और अर्दली बाजार का 340 दर्ज किया गया। दीपावली के दिन से ही वायु गुणवत्ता प्रभावित हुई है।
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पहले तो पटाखों की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ा। दूसरा ग्रामीण क्षेत्रों में पुआल जलाने से शहरी क्षेत्रों में कूड़ा जलाने और निर्माण कार्यों के कारण शहर की हवा प्रभावित यह खराब हवा सांस के रोगियों के लिए ज्यादा खतरनाक है।
बढ़ती ठंड के बीच स्मॉग ने भी दृश्यता पर असर डाला है।
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क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी ने की अपील:
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क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी डॉ. कालिका सिंह ने अपील की है कि वह कूड़ा न जलाएं। निर्माण कार्य के दौरान मानकों का पालन करें। निर्माण स्थल पर हरा मैट लगाने के साथ ही पानी का छिड़काव करें।
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पानी का छिड़काव:
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शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद नगर निगम की ओर से शहर की सड़कों पर पानी का छिड़काव कराया गया। टैंकरों से मुख्य मार्ग पर पानी छिड़ककर उड़ने वाली धूल को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया।
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