निरोग रहने के लिए योग जरूरी: योग में भी वार्मअप, रोजाना अपनाये यह योग बनी रहेगी ताजगी जाने योग करने की 5 उपयोगी टिप्स, महर्षि पतंजलि ने कहा है योगश्चितवृत्तनिरोध अर्थात् चित्त की वृत्तियों का निरोध करना ही योग है। योग पूरी दुनिया को भारत की देन है। कोरोनाकाल में लोगों को इसका महत्व अधिक समझ आया। योग से शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाकर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। दुनियाभर में विश्व योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। इसको ध्यान में • रखकर योग से जुड़े आलेखों की श्रृंखला शुरू की जा रही है। आज के अंक में दिल्ली के योग विशेषज्ञ ओम प्रकाश शर्मा बता रहे हैं कि कैसे योग शुरू करें।
nn
वार्मअप भी जरूरी
nn
- n
- योगासनों का पर्याप्त लाभ तभी मिलता है, जब इन्हें सही तरह से किया जाए। इसमें भी वार्मअप यानी सूक्ष्मासन जरूरी है। इससे इंजरी का खतरा भी घटता है।
- पैरों को स्ट्रेच करें : जमीन पर लेटकर पहले एक पैर को उठाएं, फिर दूसरा। चाहें तो दोनों पैरों को भी उठा सकते हैं।
- गर्दन का मूवमेंट : गर्दन के मूवमेंट करें। बैठकर दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। गर्दन को एक बार क्लॉक वाइज और फिर एंटी क्लॉक वाइज घुमाएं।
- ट्विस्ट करें: सीधे खड़े हो जाएं। हाथों को कमर पर रखें। फिर कमर को थोड़ा दाई-बाईं तरफ ट्विस्ट करें।
n
n
n
n
nn
योग शुरू करने की पांच अहम बातें
nn
- n
- 1. पारंपरिक भोजन लें.
- योग की शुरुआत कभी भी कर सकते हैं लेकिन इसके साथ आहार का ध्यान रखेंगे तो ज्यादा लाभ मिलेगा। कोशिश करें कि भारतीय पारंपरिक और मौसमी भोजन करें।
- 2. सही कपड़े का चयन
- योग करते समय आपने क्या पहन रखा है, यह भी महत्वपूर्ण है। चुस्त कपड़ों में योगासन न करें। हल्के व सूती कपड़े पहनें। इससे आपका शरीर रिलेक्स महसूस करेगा।
- 3. देखा- देखी न करें
- कुछ लोग देखा-देखी कठिन आसन से शुरुआत करते हैं लेकिन शरीर इसका अभ्यस्त नहीं होता है। इसलिए सूक्ष्म आसनों से शुरू करें। आसनों में कब विराम देना है और कब क्रिया को दोहराना है। यह भी सीखें।
- 4. निरंतरता है जरूरी
- निरंतर अभ्यास नहीं करेंगे इसका सकारात्मक असर नहीं दिखेगा। इसमें कुछ दिनों में बोरियत महसूस होती हैं लेकिन उत्साह बनाए रखें।
- 5. समय भी महत्वपूर्ण
- योग के लिए निश्चित व नियत समय भी जरूरी है। सुबह और शांत वातावरण और खुली हवा में योगासन करेंगे तो उससे अच्छे परिणाम मिलेंगे।
n
n
n
n
n
n
n
n
n
n
nn
बेसिक योग से करें शुरुआत: ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्धकटिचक्रासन, पद्मासन, सुखासन, वज्रासन, तितली आसन, पवनमुक्तासन, सेतुबंधासन, मर्कटासन, भुजंगासन और शवासन आदि से शुरू कर सकते हैं। बीविंग को धीरे-धीरे समझें: एकदम से कठिन ब्रीदिंग आसन न शुरू करें। प्राणायाम में डीप ब्रीदिंग करें। ब्रीदिंग को सीखें। धीरे-धीरे नाड़ीशोधन व कपालभांति शुरू कर सकते हैं। भस्त्रिका और भ्रामरी शुरुआत में करने से बचें।