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राहगीरों को बातों में लगाकर डालर देने के बहाने पांच लाख रुपए हड़पकर फरार हुए एक शातिर
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डीसीपी (उत्तर) परिस देशमुख ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सोहेल उर्फ सुहेल उर्फ राज उर्फ बहरा (25) है। वह पश्चिम बंगाल में 24 परगना जिले का रहने वाला है। पिछले काफी वक्त से उत्तरप्रदेश में गाजियाबाद स्थित अंजली विहार, थाना लोनी क्षेत्र में गैंग के साथियों के साथ कमरा किराए पर लेकर रहता है। ये गैंग फर्जी कागज की गडि्डयों के ऊपर डालर के तीन-चार नोट लगाकर ठगी करते है।
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दो साल पहले जवाहर नगर के व्यक्ति से पांच लाख रुपए हड़पकर भागे थे
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रामगंज एसीपी सुनील प्रसाद शर्मा के मुताबिक इस संबंध में जवाहर नगर जयपुर में रहने वाले सुशील बेनीवाल ने 16 अक्टूबर 2020 को मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसमें बताया कि डालर देने के बहाने गैंग में शामिल पांच बदमाश उससे पांच लाख रुपए हड़पकर भाग निकले।
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तब गलतागेट थानाप्रभारी मुकेश कुमार खराड़िया के नेतृत्व में पुलिस टीम ने वांटेड सोहेल को यूपी से धरदबोचा। पूछताछ में सोहेल उर्फ सुहेल ने जयपुर में गैंग के साथ मिलकर चांदपोल, मानसरोवर, हसनपुरा, सांगानेर, मालवीय नगर, जगतपुरा पुलिया के पास ठगी की वारदात करना बताया है। इस साल 27 जनवरी को 2 नंबर पुलिया के पास, गलतागेट इलाके में चार लाख रुपए ठगकर फरार हो गए थे।
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फर्जी कागज की गडि्डयों के ऊपर डालर के नोट लगाकर करते है ठगी
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एडिशनल डीसीपी सुमन चौधरी ने बताया कि ठग गिरोह अपने गांव से आकर जयपुर या अन्य शहर में जाकर किराया का कमरा लेकर ठहरते हैं। ये फर्जी नाम पते से जारी मोबाइल फोन की सिम अपने साथ लेकर आते है। ये शहर के प्रमुख बाजारों में घूमते हैं। वहां राह चलते लोगों को रुपए की जरुरत बताकर अपने पास डालर करेंसी होने की बात कहकर एक्सचेंज में रुपए देने की बात करते है।n
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साथ ही, ठगी के शिकार व्यक्ति को डालर करेंसी देकर मोटे मुनाफे का लालच देते हैं। झांसे में लेकर पीड़ित के मोबाइल नंबर लेते हैं। फिर उससे मोबाइल फोन के जरिए संपर्क करते हैं। जाल में फंसने के बाद उसे सुनसान जगह रुपए लेकर बुलाते हैं। वहां पीड़ित से मोटी रकम लेकर उसे एक बैग डालर करेंसी से भरा हुआ बताकर सौंप देते हैं।
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इस बैग में कागज के नोटों की साइज की गड्डियों के ऊपर चार पांच डालर के नोट लगे होते हैं। नीचे अखबार की कतरन लगी होती हैं। इस तरह, रुपए हड़पकर आसानी से पश्चिम बंगाल भाग जाते हैं। वहां कुछ महीने बिताकर वापस यूपी आते हैं। फिर अन्य शहरों में ठगी करने जाते हैं। फर्जी नाम पते से ली सिम को तोड़कर फेंक देते हैं।
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