मनरेगा: रीवा में 100 दिन का नहीं मिल रहा रोजगार, प्रदेश के लापरवाह जिलों को मनरेगा परिषद ने दिखाया आईना

सतना/ रीवा. मनरेगा के कामों को लेकर जिलास्तर पर शिथिलता बरती जा रही है। स्थिति यह हैं कि कई बार राज्य रोजगार गारंटी परिषद ने जिलों को योजनाओं की प्रगति के संबंध में मार्गदर्शन और निर्देश दिए, इसके बाद भी अपेक्षित सुधार नहीं हो सका। लिहाजा, अब राज्य रोजगार गारंटी परिषद के आयुक्त एस कृष्ण चैतन्य ने सभी जिलों के जिला पंचायत सीइओ को पत्र लिखकर जिलावार न्यून प्रगति वाले बिंदुओं का उल्लेख कर योजना की प्रगति प्रभावित करने की जानकारी दी है।

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आजादी के अमृत महोत्सव की थीम पर अमृत सरोवर निर्माण की प्रगति में सतना जिला बॉटम 5 में है। अमृत सरोवर पूर्णता की न्यून प्रगति वाले 5 जिलों में हरदा 47 प्रतिशत, सागर प्रतिशत, राजगढ़ 55 प्रतिशत, शहडोल 58 प्रतिशत और सतना 58 प्रतिशत प्रगति के साथ शामिल है। अमृत सरोवर के निरीक्षण में कमजोर प्रगति वाले जिलों में विदिशा, छतरपुर, मुरैना, जबलपुर और भिंड शामिल है। इसी तरह से पुष्कर धरोहर योजना में अल्प प्रगति वाले बाटम 5 जिलों में सागर, छिंदवाड़ा, सतना, बड़वानी और झाबुआ शामिल है। 

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सागर में पंचायतें नहीं कर रहीं काम

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आयुक्त रोजगार गारंटी परिषद के अनुसार प्रदेश में सबसे ज्यादा अरि याशील पंचायतें सागर में हैं। अर्थात शून्य काम वाली पंचायतों की सर्वाधिक संख्या सागर में है। अरि याशील पंचायत और 500 से कम मानव दिवस सृजन वाली ग्राम पंचायतों के मामले में बॉटम 5 जिलों में सागर, दतिया, गुना, मुरैना और रायसेन शामिल है। लक्ष्य के विरुद्ध सृजित कम मानव दिवस अर्थात तय लक्ष्य के अनुरूप लोगों को काम नहीं देने के मामले में नर्मादपुरम 21%, हरदा 23%, रीवा 25% एवं खरगोन 26% है।

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सीधी सिंगरौली में नियम विरुद्ध भुगतान

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मनरेगा परिषद ने मजदूरी में होने वाले गड़बड़झाले पर रोक लगाने स्पष्ट किया है कि आधार आधारित ही मजदूरी भुगतान की जाए, लेकिन इसमें न्यूनतम प्रगति वाले जिलों में गुना, सीधी, दतिया, श्योपुर और सिंगरौली हैं। इसी तरह से मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं देने के मामले में अनूपपुर, धार, खंडवा, झाबुआ और डिंडोरी जिले चिन्हित किए गए हैं। बारिश का पानी यूं ही व्यर्थ न बहे, ऐसे में वर्षा जल संचय को लेकर कैच द रेन अभियान चलाया गया। इसमें सबसे कमजोर काम करने वाले जिलों में • मंडला, बालाघाट, धार, डिंडौरी, छिंदवाड़ा शामिल हैं। इसी तरह प्रत्येक गांव में 3 कुओं की प्रविष्टि के लिए जलदूत एप तैयार किया गया। इसकी प्रविष्टि में बाटम 6 में नरसिंहपुर, जबलपुर, श्योपुर, खंडवा और मुरैना शामिल हैं।

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स्पष्टीकरण लेने के निर्देश… राज्य रोजगार गारंटी परिषद ने जिला पंचायत सीइओ को यह रिपोर्ट सौंपते हुए कहा है कि न्युन प्रगति के लिए जिम्मेदारों को स्पष्टीकरण लिया जाए। साथ ही संबंधित अधिकारी कर्मचारी का उत्तरदायित्व तय कर उनपर कार्रवाई करें। इसके साथ ही कार्रवाई सहित 5 दिन में परिषद को सूचित करने कहा गया है।

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