महाकाल मंदिर परिसर उज्जैन : एक करोड़ में 37 फीट ऊंचा स्ट्रक्चर होगा तैयार खुदाई में निकले 1000 साल पुराने मंदिर का दिखेगा वैभव

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में पूर्व में हुई खुदाई के दौरान करीब एक हजार वर्ष पुराना परमार कालीन मंदिर निकला था, उसे नए रूप में ढाला जाएगा। आने वाले समय में यह मंदिर एक अलग ही छटा बिखेरेगा। श्रद्धालु इस परिसर में आकर प्राचीन मंदिर की महिमा देख सकेंगे। मंदिर समिति एक करोड़ की लागत से इसे नए रूप में लाने का प्रयास कर रही है। बता दें, दो साल पहले महाकाल मंदिर में खुदाई के दौरान करीब 1000 साल पुराने परमार काल के शिव मिले हैं।

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मंदिर बाहर था। इस मंदिर को उसके प्राचीन स्वरूप में फिर से बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अवशेषों को जोड़ेंगे, नया स्ट्रक्चर तैयार करेंगे: मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि महाकाल मंदिर में खुदाई के दौरान मिले पुरावशेषों को जोड़कर फिर से वही 37 फीट ऊंचा स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा, जैसा सदियों पहले था. खुदाई के दौरान मिली प्राचीन खंडित मूर्तियों और अवशेषों को संरक्षित करने के लिए जीएसआई द्वारा एक संग्रहालय भी बनाया जा सकता है, ताकि श्रद्धालु मंदिर के इतिहास को जान सकें। दो साल पहले खुदाई के दौरान परमार काल के शिव मंदिर की संरचना मिली थी। यहाँ से एक शिवलिंग आकृति, पिंडी, जलधारी, माँ चामुंडा की एक विशाल मूर्ति और एक विष्णु मूर्ति मिली है।

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प्राचीन वस्तुओं को संरक्षित करने की जरूरत

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विक्रम विश्वविद्यालय के पुरातत्वविद डॉ. रमन सिंह सोलंकी का कहना है कि मंदिर के पुरावशेषों को बचाने की जरूरत है. यहां से प्राप्त सभी अवशेषों को एकत्रित कर बाद में उनके आकार और प्रकार के अनुसार अलग-अलग रूपों में मिलाकर शहर में किसी अन्य स्थान पर एक अलग मंदिर बनाया जा सकता है।

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ऊपर की ओर मंदिर खंडित अवस्था में है

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मंदिर पर शोध करने वाले अधिकारी डॉ. ध्रुवेंद्र सिंह जोधा ने बताया कि मंदिर के अन्य हिस्सों में जयकुंभ, खुर भाग, कपोतिका आदि के दर्शन होते हैं। मंदिर का ऊपरी भाग खंडित अवस्था में है। अन्य पुरावशेषों में अमलाक, कीर्तिमुख, स्तंभ आदि की खुदाई यहाँ की गई थी।

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