मजेदार पहेलियाँ बूझो तो जाने
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1. चिक-चिक कर शोर मचाती, पेड़ों पर चढ़ जाती। काली पत्तियां तीन पीठ पर, कुतर-कुतर फल खाती। 2 छोटे तन में गांठ लगी है, करे जो दिन भर काम। आपस में जो हिलमिल रहती, नहीं करती आराम।
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3. पानी में खुश रहता हरदम, धीमी जिसकी चाल । खतरा पाकर सिमट जाए झट, बन जाता खुद ढाल।
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छत से लटकी मिल जाती है, छह पग वाली नार। बुने लार से मलमल जैसे, कपड़े जालीदार ।
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5. चार कोनों का नगर बना, चार कुएं बिन पानी। चोर अठारह उसमें बैठे, एक रानी
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आइ एक दरोगा ।
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सब को पीट-पीट कर कुएं में डाला।
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