सतना/रीवा। पीएम किसान योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को ई-केवाईसी करवाना अनिवार्य किया गया है। लेकिन आधार आधारित ई-केवाईसी में आ रही दिक्कतों को देखते हुए केंद्र ने फेस रिकॉग्निशन सिस्टम लागू किया है. इसमें संबंधित किसान को उसके चेहरे और आंखों से पहचाना जा सकता है। इसके बाद राशि संबंधित किसान के खाते में भेज दी जाएगी। इस संबंध में 23 मई को वीडियो कांफ्रेंसिंग में जानकारी देने के बाद केंद्र ने गाइडलाइंस जारी की है.
nn
किसान सम्मान निधि में अपात्र भी बड़े पैमाने पर योजना का लाभ ले रहे थे। इसमें कई जगह गड़बड़ी भी पकड़ी गई। इसको लेकर सरकार ने ई-केवाईसी प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया था। इसमें आधार कार्ड के आधार पर सत्यापन कर ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी की जा रही थी, लेकिन कई लोगों को फिंगर प्रिंट नहीं मिलने और कई को ओटीपी नहीं मिलने की समस्या का सामना करना पड़ रहा था. इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने फेस रिकग्निशन सिस्टम के जरिए ई-केवाईसी की व्यवस्था लागू की है। इसके लिए एक एप तैयार किया गया है। इसलिए जिन लोगों का ई-केवाईसी 14वीं किस्त मिलने से पहले नहीं हो पाया था, वे अब फेस रिकग्निशन के जरिए ई-केवाईसी करा सकेंगे. इसके तहत संबंधित लाभार्थी के चेहरे और आंखों से पहचान का काम पूरा किया जाएगा।
nn
इन जिलों में ई-केवाईसी की स्थिति कमजोर
nn
जिन जिलों में ई-केवाईसी की स्थिति कमजोर पाई गई है उनमें सतना, रीवा, पन्ना, मुरैना, सिवनी, डिंडोरी, छतरपुर, सागर, कटनी, मंदसौर शामिल हैं।
nn
पीएम किसान निधि देने से पहले किसानों के भौतिक सत्यापन लंबित
nn
पीएम किसान निधि देने से पहले किसानों के भौतिक सत्यापन का प्रावधान किया गया है. इसमें सबसे अधिक भौतिक सत्यापन ग्वालियर, इंदौर, पन्ना, सीधी, उज्जैन, शहडोल, मंडला, भिण्ड, जबलपुर एवं देवास में लंबित है। भू-अभिलेख आयुक्त ने सभी जिलों को इन लंबित प्रकरणों का जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। कमजोर आधार लिंकिंग… पीएम किसान की 14वीं किस्त के लिए बैंक खाते को आधार से लिंक कराना होगा। सागर, छतरपुर, मुरैना, सतना, रीवा, भिंड, शिवपुरी, टीकमगढ़, पन्ना और उज्जैन का आधार लिंकिंग कमजोर है।