मधुमक्खी के दो पेट होते हैं: एक खाना खाने के लिए और दूसरा फूलों का रस इकट्ठे करने के लिए, जाने कैसे..

मधुमक्खियां की सूपने को शक्ति इंसान से कहीं ज्यादा होती है। शहद का रंग फूल पर निर्भर करता है, जिनसे मक्खी रस लेती है। मधुमक्खी के दो पेट होते हैं, एक खाना खाने के लिए और दूसरा फूलों का रस इकट्ठे करने के लिए। एक मधुमास्त्र को छठ टांगे और दो प होते हैं। इनके जीवन में चार तरह के परिवर्तन होते हैं, जैसे अंडा लावा, प्यूपा और मस्ती मधुमक्खियों के से में तीन प्रकार की मक्खियां होती है। इनमें से सबसे जानी पहचानी सिर्फ चार से पांच वर्ष तक जिंदा रहती है। संस्तर में तकरीबन 20,000 प्रकार की मक्खियां पाई जाती है, इनमें से केवल 4 प्रजातियां ही शब्द पैदा करती है। मधुमक्खियां 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकती हैं।
40 लाख फूलों से बनता है एक किग्रा शहद !
इनका छत्ता मोम से बना होता है, जो इनके पेट को ग्रथियों से निकलता मक्खी हैं रानी मयहखी के पांच आखें होती है, दो बड़ी आंखें और इनके बीच माथे के ऊपर तीन आंखें होती है। मधुमक्खी एक मात्र ऐसा कोट है, जिसके बनाए गए शब्द को मनुष्य खाता है। एक किलो शहद बनाने के लिए पूरे छत्ते की मधुमक्खियों को लगभग 40 लाख फूलों का रस चूसना पड़ता है। किसी आदमी को मारने के लिए मधुमक्खी के 1100 डक काफी है। एक छत्ते में 20 से 60 हजार मादा मधुमक्खिया, कुछ सौ नर मधुमक्खिया और एक रानी मधुमक्खी होती है।