शातिर अपराधी ने खुद को बचाने रचा षडयंत्र: पैरोल पर छूटने के बाद दोबारा जेल न जाना पड़े इसलिए हत्या कर जला दी लाश

भोपाल. गुना में बच्चे के अपहरण मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे शातिर अपराधी ने पैरोल पर छूटने के बाद खुद को बचाने के लिए एक और वारदात को अंजाम दिया। ग्वालियर से आकर खजूरी में दोस्त की हत्या कर उसके शव को जला दिया। जिस मकान में 'शव बरामद हुआ था, उसे रजत ने किराए पर लिया था। खजूरी पुलिस ने मामले की कड़ियां मिलाई तो रजत सैनी पर शक की सुई घूमी । जिला अदालत में पदस्थ अपर सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार टाडा ने सोमवार को सैनी को तीन अलग- अलग धाराओं में आजीवन कारावास और फांसी की सजा सुनाई है।
ऐसे खुला राज
14 जुलाई 2022 को खजूरी सड़क थाने स्थित मकान नंबर 586 फंदा में एक व्यक्ति की अधजली लाश मिली थी, जिसके चहरे पर अधजला कपडा बंधा था। कपड़े को हटा कर देखा तो लाश पड़ोस में रहने वाले बीएससी स्टूडेंट अमन दांगी की थी, जिसकी पहचान उसके चचरे भाई भईयालाल दांगी ने की। इस कमरे को रजत ने किराए पर लिया था और वहीं दोस्त अमन दांगी की हत्या कर दी। आरोपी रजत सैनी को पहले राधोगढ़ गुना न्यायालय ने एक बच्चे के अपहरण के मामले में आजीवन कारावास व पचास हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा पा चुका था। वह अभी पैरोल पर बाहर आया था।
दोस्त की हत्या कर चेहरा जलाया
मूल रूप से राघोगढ़ निवासी आरोपी ग्वालियर के केन्द्रीय जेल में निरूद्ध होकर पैरोल पर बाहर आया था। उसे फिर से जेल न जाना पड़े, इसलिए अपने आपको मृत साबित करने के लिए अमन दांगी को मार कर उसका चेहरा जला दिया, ताकि वह खुदको मरा साबित कर सके।
जेल में 5 लाख का लिया था कर्ज
सैनी के अनुसार, जेल में उसने निरंजन मीणा की मदद से राम निवास मीणा से 5 लाख का कर्ज लिया था। अब वह पैसा मांग रहा था। पहले तो सैनी ने मीणा को ही मारना चाहा, लेकिन ऐसा नहीं कर सका तो खुद को मारने की साजिश रची। उसके पास से 500-500 रुपए के 201 नकली नोट मिले थे।