Satna News: बावरिया गिरोह के तीन सदस्य छह दिन के पुलिस रिमांड पर, चित्रकूट से सतना और पन्ना पुलिस ने किया था गिरफ्तार
सतना: सतना के बाद पन्ना जिले में चेन स्नेचिंग की वारदात करने वाले बावरिया गिरोह के तीन सदस्यों को मंगलवार को पुलिस ने अदालत में पेश कर दिया। जहां से कोलगवां थाना पुलिस को तीनों आरोपियों से पूछताछ और लूटी हुई चेन बरामद करने के लिए छह दिन का रिमांड मिला है। इन्हीं आरोपियों से पूछताछ कर इनके चौथे साथी के बारे में जानकारी जुटाने का पुलिस प्रयास कर रही है।
तीनों आरोपी १३ सितंबर को अदालत में पेश किए जाएंगे। गौरतलब है कि सतना और पन्ना जिले की पुलिस ने संयुक्त कार्रवाही करते हुए सोमवार को चित्रकूट से बावरिया गैंग के इन तीन सदस्य जगत उर्फ जग्गू पुत्र चरण सिंह राजपूत (20) निवासी जटांखानपुर थाना जिग्जाना शामली उप्र, हरविन्द सिंह पुत्र वेदपाल सिंह राजपूत (35) निवासी अहमदगढ़ थाना जिग्जाना जिला शामली उप्र, जगत सिंह पुत्र बाबूराम सिंह राजपूत (25) निवासी बिरलियान थाना जिग्जाना जिला शामली उप्र को गिरफ्तार किया था।
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पांच घटनाएं कबूली:
पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव ने बताया कि पूछताछ में तीनों आरोपियों ने सतना में पांच घटनाएं करना बताया है। इसी गिरोह के सदस्य 2020 में जबलपुर में अपाचे के साथ पकड़े गए थे और गिरोह के कुछ सदस्य नैनी जेल में बंद हैं। जो सफेद अपाचे जब्त की गई है वह इलाहाबाद के रजनीश द्विवेदी के नाम पर है। रजनीश ने लालगंज के सोहेल से गाड़ी खरीदी थी। रजनीश से पूछताछ के बाद अब सोहेल की तलाश की जा रही है। गाड़ी चोरी की होने की आशंका है। एक आशंका यह भी है कि गाड़ी में दूसरा नंबर उपयोग किया जा रहा हो।
पुलिस टीमें कर रही काम:
सतना में चार आरोपी चेन स्नेचिंग की वारदात कर चुके हैं। जबकि तीन आरोपी ही पुलिस की पकड़ में आए हैं। चौथे आरोपी की तलाश के लिए पुलिस ने अपना जाल बिछा रखा है। उन सभी संभावित जगहों पर पुलिस ने खबरी लगाए हैं जहां चौथा आरोपी जा सकता है।
गिरोह बहुतखतरनाक था:
पुलिस अधिकारी बताते हैं कि बावरिया गिरोह के सदस्य बेहद शातिर होते हैं। पकड़े जाने पर यह पुलिस को अपना असल नाम व पता नहीं बताते ताकि पुलिस इनके गिरोह के बाकी सदस्यों तक नहीं पहुंच सके। अगर कुछ बतातें सही बताईं भी तो उनके जरिए पुलिस को सफलता मिलना मुश्किल होता है।
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खुद के इलाके में नहीं करते लूट:
एक यह बात सामने आई है कि बावरिया एक विशेष जनजाति है। इस समुदाय के लोग खानाबदोश जीवन जीते हैं और देशभर में इस समुदाय के लोग फैल चुके हैं। जानकार बताते हैं कि बावरिया जनजाति के सदस्य लूटपाट और चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं।
शराब की अवैध बिक्री भी बड़े पैमाने पर करते हैं। एक खास बात यह भी है कि इस गिरोह के सदस्य नकदी और गहने ही लूटते हैं, बाकी कीमती सामन को हाथ नहीं लगाते। यह इतने खतरनाक होते हैं कि खुद को बचाने के लिए सामने वाले पर जानलेवा हमला करने से नहीं चूकते। बावरिया गैंग के लोग जहां रहते हैं, वहां आपराधिक वारदात नहीं करते।