अच्छी खबर: Central Jail Rewa में नशामुक्ति केंद्र का संचालन जेल में बंदियों को नशे से दूर करने होगा इलाज

सतना न्यूज़ मीडिया | रीवा. जेल में आने वाले बंदियों को अब नशे की लत से दूर करने के लिए प्रयास किये जायेंगे। हर माह काफी संख्या में कैदी नशे की लत का शिकार होकर आते है जिनके लिए अब नशामुक्ति केन्द्र शुरू कराया गया है। जिसमें इलाज की सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध है। जेल में रहकर उनको नशे से लड़ने में मदद की जायेगी।
जेल में हर माह काफी संख्या में नशेड़ी बंदी पहुंचते है जो कई बार जेल प्रशासन के लिए भी गंभीर समस्या बन जाते है। जेल के अंदर नशा न मिलने से वे उग्र हो जाते है और नशे के लिए परेशान होते है। नशेड़ी बंदी जब तक जेल के अंदर रहते है तो उनकी देखभाल के लिए जेल अधिकारियों को भी खासी मशक्कत करनी पड़ती है। जेल में बंद नशेड़ी बंदियों के लिए अब नशामुक्ति केन्द्र शुरू किया गया है। 6 बिस्तरों वाले इस वार्ड में गंभीर लत का शिकार हुए बंदियों को भर्ती करके उनका नियमित उपचार किया जायेगा और उनको नशे से लडने के लिए प्रेरित किया जायेगा। नशा मुक्ति केन्द्र में मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. निमिषा मिश्रा, डा. राबिन गोयल, नशामुक्ति विशेषज्ञ डा. जैनूल खान द्वारा इलाज किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त काऊंसलर विनोद पाण्डेय व आराधना गुप्ता भी नियमित जेल आती है और वार्ड में भर्ती मरीजों को काऊंसलिंग देकर उनको नशे की लत से दूर रहने के लिए प्रेरित करती है। जेल के अंदर नशे की सामग्री उपलब्ध न होने से बंदी कई बार मानसिक रूप से विक्षिप्त हो जाते है और उनकी दिमागी हालत खराब हो जाती है। इनके हिसंक होने की संभावना बढ़ जाती है और डिप्रेशन में आकर दूसरे बंदियों को भी नुकसान पहुंचा सकते है। ऐसे में इन बंदियों को तत्काल इलाज की आवश्यकता होती है जिसे देखते हुए नशा मुक्ति केन्द्र बनाया गया है।
सिरप के नशे से सर्वाधिक बंदी ग्रसित
जेल में कई तरह के नशे का शिकार होकर बंदी पहुंचते है। इनमें गांजा, शराब, नशीली सिरप, तम्बाखू, गुटका पाऊच का सेवन करने वाले बंदी शामिल है। इनमें सबसे ज्यादा बंदी नशीली सिरप की लत से ग्रसित होते है जो सबसे अधिक खतरनाक होते है। जेल में नशा मिलने पर वे छटपटाने लगते है और उनकी हालत बिगडने लगती है। केन्द्रीय जेल रीवा में वर्तमान में 279 बंदी एनडीपीएस एक्ट में बंद है जिनमें अस्सी प्रतिशत बंदी खुद नशे की गिरफ्त में है। हर माह नशीली सिरप के लगभग 40 से 45 बंदी, शराब के 10 से 15 बंदी, गांजा के 8 से 10 बंदी आते है जो उसकी लत का शिकार होते है।
6 बंदियों की मानसिक स्थिति खराब
जेल में बंद करीब 6 बंदी इस कदर नशे की लत में ग्रसित है कि उनको नशा न मिलने से मानसिक स्थिति खराब हो गई है। जिला अस्पताल द्वारा भी इनको नशे की लत का शिकार बताया है। फलस्वरूप सभी बंदियों को नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती करा दिया गया है। जहां उनका नियमित उपचार चल रहा है। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य बंदी भी चिंहित किये गये है जिनका भी यहां पर इलाज करवाया जायेगा।
केन्द्रीय जेल रीवा में आने वाले काफी संख्या में बंदी नशे की लत का शिकार होते है और जेल में नशा न मिलने से उनकी हालत खराब होने लगती है। ऐसे बंदियों को नशे से दूर करने के लिए जेल में नशामुक्ति केन्द्र संचालित किया जा रहा है जिसमें विशेषज्ञों व काऊंसलरों द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है। वर्तमान में 6 बंदी नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती है।
एसके उपाध्याय, जेल अधीक्षक