19 वर्ष बाद संयोग: 4 जुलाई से शुरू होगा सावन, बनने वाले संयोग से भगवान विष्णु इस बार 4 के बजाय 5 मास तक सोएंगे

रीवा. इस साल श्रावण (सावन) अधिमास का संयोग 19 वर्ष बाद फिर बन रहा है। इसके चलते चातुर्मास 5 माह का होगा। इससे भगवान विष्णु इस बार चार के बजाय पांच मास तक सोएंगे। इस दौरान शिव प्रबंधन संभालते हैं। इससे विवाह, मुंडन, कनछेदन आदि शुभ कार्यों में पांच माह का विराम रहेगा।
पंडित धीरेंद्र गने बताया, विक्रम संवत 2080 यानी वर्ष 2023 में 19 वर्ष के बाद श्रावण अधिमास होगा। 4 जुलाई से सावन की शुरुआत होगी और 31 अगस्त को श्रावण के दो मास पूरे होंगे। अधिमास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा। अधिमास के आरंभ के पूर्व सोमवती अमावस्या का पर्व आएगा। अधिमास में शुभ और मांगलिक कार्यों पर पूरी तरह रोक रहेगी। इसमें भवन बनाना, गृह प्रवेश, देव प्रतिष्ठापन, कुएं-बावड़ी खनन आदि सभी बंद रहेंगे।
पंडित योगेंद्र अवस्थी ने बताया, इससे पहले श्रावण अधिमास का संयोग विक्रम संवत 1847, 1966, 1985, 2004, 2015, 2023, 2042 और 2061 में बना था। इस वर्ष चातुर्मास 5 माह का होगा। आषाढ़ शुक्ल 11 गुरुवार 29 जुलाई को देवशयनी एकादशी होगी। 5 मास के बाद 23 नवंबर को देव प्रबोधिनी एकादशी को देव जागेंगे।
सावन में कब कौन सा त्योहार
श्रावण अधिमास के चलते विभिन्न त्योहारों की तिथियों में भी बदलाव आएगा। व्रत की पूर्णिमा 1 अगस्त को रहेगी। संकष्टी चतुर्थी 4 अगस्त, पुरुषोत्तम मास का समापन 16 अगस्त को होगा। व्रत की पूर्णिमा, यजुर्वेदियों का उपाकर्म, रक्षाबंधन अगस्त माह के अंतिम दिनों में 30 अगस्त को होगा। ऋग्वेदियों का उपाकर्म 29 अगस्त को होगा। 31 अगस्त को मास का समापन होगा। आषाढ़ पूर्णिमा से 1 माह बाद रक्षाबंधन होता है। इस वर्ष 2 माह बाद रक्षाबंधन 30 अगस्त को होगा। बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधने पूर्णिमा के बाद दो माह का इंतजार करेंगी।