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रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) में इन रिक्त पदों पर होने जा रही बंपर भर्ती,  जानिए किन पदों की है जरुरत 
 

 
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रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (Awadhesh Pratap Singh University)  में नियमित तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी है। विवि में यह भर्ती प्रक्रिया करीब 32 साल बाद होने जा रही है। इस भर्ती प्रक्रिया के लिए यूनिवर्सिटी ने रिजर्वेशन रोस्टर तैयार किया है। अब इस रोस्टर पर दावे-आपत्ति मांगने की तैयारी कर ली गई है। विश्वविद्यालय इस संबंध में अगले एक-दो दिन में सूचना जारी करेगा। रोस्टर में दावा-आपत्ति के लिए विश्वविद्यालय 15 दिन का समय देगा। प्राप्त आपत्तियों का निराकरण कर विश्वविद्यालय माह के अंत तक विज्ञापन सूचना जारी कर सकता है। अनुमानित 62 पदों को भरने के लिए यह प्रक्रिया शुरू की जानी है। अगर यह भर्ती प्रक्रिया समय पर पूरी हो जाती है तो विवि को बड़ी राहत मिलेगी।


ज्ञात हो कि विवि में नियमित कर्मचारियों की अंतिम भर्ती प्रक्रिया वर्ष 1989 में पूरी हुई थी। इसके बाद वर्ष 2016 में बैकलॉग के पदों पर भर्ती की गई थी। इस दौरान सामान्य पद नहीं भरे जाने के कारण विश्वविद्यालय में स्टाफ की भारी कमी हो गई, जिससे विश्वविद्यालय में छात्रों का काम प्रभावित हो रहा है. यद्यपि विश्वविद्यालय कर्मचारियों की कमी से निपटने के लिए वैकल्पिक तरीकों की तलाश कर रहा है, लेकिन इससे विश्वविद्यालय के कामकाज में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ है। अब नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति से विवि के कार्य की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।

रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (Awadhesh Pratap Singh University)  में नियमित तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी है। विवि में यह भर्ती प्रक्रिया करीब 32 साल बाद होने जा रही है। इस भर्ती प्रक्रिया के लिए विवि ने रिजर्वेशन रोस्टर तैयार किया है। अब इस रोस्टर पर दावे-आपत्ति मांगने की तैयारी कर ली गई है। विश्वविद्यालय इस संबंध में अगले एक-दो दिन में सूचना जारी करेगा। रोस्टर में दावा-आपत्ति के लिए विश्वविद्यालय 15 दिन का समय देगा। प्राप्त आपत्तियों का निराकरण कर विश्वविद्यालय माह के अंत तक विज्ञापन सूचना जारी कर सकता है। अनुमानित 62 पदों को भरने के लिए यह प्रक्रिया शुरू की जानी है। अगर यह भर्ती प्रक्रिया समय पर पूरी हो जाती है तो विवि को बड़ी राहत मिलेगी।


कर्मचारियों की अंतिम भर्ती प्रक्रिया वर्ष 1989 में पूरी हुई थी। इसके बाद वर्ष 2016 में बैकलॉग के पदों पर भर्ती की गई थी। इस दौरान सामान्य पद नहीं भरे जाने के कारण विश्वविद्यालय में स्टाफ की भारी कमी हो गई, जिससे विश्वविद्यालय में छात्रों का काम प्रभावित हो रहा है. हालांकि विश्वविद्यालय कर्मचारियों की कमी से निपटने के लिए वैकल्पिक तरीकों की तलाश कर रहा है, लेकिन इससे विश्वविद्यालय के कामकाज में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ है। अब नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति से विश्वविद्यालय के कार्य की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।

मध्यप्रदेश सरकार से मिली अनुमति

विश्वविद्यालय द्वारा 32 वर्ष पूर्व नियमित नियुक्तियां किए जाने के बाद 1990 में मध्य प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद के अधिकार कम कर दिए। इसलिए विवि अपने स्तर पर नियमित नियुक्ति नहीं कर सका। अब मप्र सरकार की अनुमति मिलने के बाद विश्वविद्यालय उक्त नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है।

इन रिक्त पदों पर भरे जाएँगे भर्ती

जानकारी के अनुसार लाइब्रेरी असिस्टेंट वर्ग-1, 2, डिप्टी लाइब्रेरियन, असिस्टेंट लाइब्रेरियन, सर्वे ऑफिसर, प्रोग्रामर, पीटीआई, टेलीफोन ऑपरेटर, डिप्टी इंजीनियर, रिसर्च असिस्टेंट, चौकीदार, चपरासी आदि पदों पर भर्ती की जानी है. विश्वविद्यालय। विवि में सबसे अधिक 41 कार्य सहायक पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी।