चार साल पहले खतरनाक घोषित पुल अब किया बंद: 54 साल में ही जर्जर हो गया मध्यप्रदेश को उत्तरप्रदेश से जोड़ने वाला बरही घाट का चंबल पुल बंद, लोगों का लगेगा लंबा चक्कर

देश में किसी भी भवन या ढांचे के खतरे के प्रति किसी न किसी तरह की उदासीनता है, इसका एक नमूना देखना हो तो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को भिंड जिले की ओर जोड़ने वाली चंबल नदी पर बने पुल को देख सकते हैं। 1969 में बने इस ब्रिज को चार साल पहले खतरनाक घोषित किया गया था. इसके बावजूद यह काम करता रहा। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जान-माल का कितना बड़ा जोखिम हमारे अधिकारियों और हमारी सरकारों ने उठाया। चार साल तक विभाग लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करता रहा। बार-बार खराब होने पर भी किसी स्तर पर इसकी सुध नहीं ली गई। अधिकारी और सरकारें मरम्मत करती रहीं और लोगों की जान जोखिम में रही। अब एक बार फिर यह क्षतिग्रस्त हो गया है और सरकार को यह आभास हो गया है कि खतरा सिर पर आ गया है, तब इस पुल को भारी वाहनों के लिए हमेशा के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया है।

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यह फैसला 8 जून से लागू होगा। इस पुल से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच आवागमन बंद हो जाएगा। इस पुल के माध्यम से दैनिक उपयोग की वस्तुओं का आदान-प्रदान होता रहा है। जाहिर तौर पर लोगों को काफी नुकसान होगा, लेकिन यह उनकी जान के जोखिम के आगे कुछ भी नहीं है। पुल को बंद करने का फैसला एनएचएआई के अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद लिया गया है। पुल के निर्माण के बाद से ही इसके रखरखाव में काफी लापरवाही बरती जा रही है. इस कारण समय से पहले ही यह जर्जर होने लगा था। पिछले चार साल में पांच बार पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। पुल में हर बार नई खामियां मिलीं। कभी पुल के पिलर और स्लैब तो कभी बियरिंग और जोड़ खराब बताए जा रहे थे। इसके चलते पुल पर पांच बार यातायात रोकना पड़ा। अब पुल पर बड़े खतरे का संकेत मिलते ही भिंड-इटावा राष्ट्रीय राजमार्ग पर नए पुल को भूतल परिवहन विभाग ने मंजूरी दे दी है। नए पुल का निर्माण 213 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि नए पुल में पुराने की तरह कोई कमी न हो। साथ ही विभाग इस पुल का निर्माण जल्द से जल्द करवाए, ताकि भिंड से इटावा, कानपुर, जालौन व आगरा आने वाले वाहनों को लंबा चक्कर न लगाना पड़े।

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